Hindi- Dauka Puran: A living document of cultural struggle


Author Name

Nitin Mishra

Author Address

Univeristy of Delhi

Keywords

Diaapsora Literature, Indenture Labour, Fiji Diaspors

Abstract

फ़िजी के महान रचनाकार डॉ.सुब्रमणि कृत ‘डउका पुराण’ गिरमिटिया जीवन का दारुण दस्तावेज़ है| डॉ. सुब्रमणि अंग्रेजी भाषा के प्रोफेसर है|उनका यह उपन्यास फ़िजी हिंदी भाषा में लिखा गया है| फ़िजी हिंदी  से तात्पर्य एक ऐसी भाषा से है जिसमें अवधी, भोजपुरी, हिंदी, अंग्रेजी, और फ़िजी की स्थानीय आदिवासी भाषा का सम्मिश्रण होता है| वैश्विक पटल पर फ़िजी को अधिकारिक रूप से फिजीद्वीप समूह गणराज्य के नाम से जाना जाता है |यह न्यूजीलैंड के नार्थ आइलैंड से करीब 2000 किमी उतर-पूर्व में स्थित है| 17वीं और 18वीं शताब्दी के दौरान डच एवं अंग्रेजी खोजकर्ताओं ने फ़िजी देश की खोज की थी| आपार प्राकृतिक संपदा से युक्त फ़िजी देश प्रशांत महासागर के द्वीपों में सबसे उन्नत राष्ट्र है| भारतीय अनुबंधित श्रमिकों के प्रवासन के लिए 1878 में समझौता होने के उपरांत 14 मई 1879 को लिओनिडस जहाज द्वारा 479 भारतीय फ़िजी पहुँचे|  ये भारतीय प्रवासी अनुबंध प्रणाली के अंतर्गत फ़िजी आए थे|इस अनुबंध को ये लोग गिरमिट के नाम से पुकारते थे और इसी कारण ये गिरमिटिया कहलाए| प्रवासन के दौरान भारतीय अपने साथ भाषा, खान-पान, रहन-सहन, जाति , धर्म, प्रादेशिक पहचान, आदि साथ लेकर आये|  प्रवासन के दौरान प्रवासित देशों में इन्हें अनेक प्रकार के शोषण और भेद-भाव का शिकार होना पड़ा| ये भेद-भाव सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक और धार्मिक स्तर पर था|  अनुबंधित भारतीय श्रमिक फ़िजी में पूर्णत: औपनिवेशिक व्यवस्था पर निर्भर थे| पांच वर्ष की अनुबंध अवधि में भारतीय गिरमिटिया लोगों का जीवन अत्यंत कठोर और पराधीन था| भारत वापस लौटने के लिए फ्री पैसेजन होने के कारण अधिकांश भारतीय फ़िजी में ही रह गए और खेती एवं व्यापार अपना लिया| अदम्य जीजिविषा से भरपूर भारतीयों को औपनिवेशिको द्वारा सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से नीचा दिखाने की बार-बार कोशिश की गयी| प्रवासियों का सबसे ज्यादा संघर्ष भूमि को ले कर रहा है यह संघर्ष आज भी जारी है| हम जानते है कि भूमि का संबंध किसी भी जाति या समुदाय के अस्तित्व से होता है| अपनी जन्मभूमि से दूर सात समन्दर पर बसे हमारे प्रवासी भाई अपनी संस्कृति के लिए किन-किन स्तरों पर संघर्षरत है?अपनी संस्कृति  उन्होंने ने किन-किन रूपों में बचाए रखी है? डॉ.सुब्रमणि की रचनाडउका पुराण के माध्यम से इन सभी सांस्कृतिक संघर्षों को समझने का प्रयास किया जायेगा|   


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International Conference on "Global Migration: Rethinking Skills, Knowledge and Culture"
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