Case study of Labour Migrants from Uttar Pradesh to GCC (Special context District Azamgarh)
Author Name
Abhishek Tripathi
Keywords
GCC, Migration, Network, Trend, Agency, Case Study
Abstract
प्रवासन एक क्रिया है, जिसका सम्बन्ध मनुष्य की स्थितियों से होता है। मनुष्य की जन्मजात गतिशीलता और महत्वाकाक्षाएं प्रवासन का रूप एवं मार्ग निर्धारित करती हैं। स्थानीय दबाव, राज्य का व्यवहार, बेरोजगारी, आकर्षण के केन्द्र, सुखद और समृद्ध जीवन की आकांक्षा जैसे कारक प्रवासन की प्रक्रिया स्वरुप और दिशा को निर्धारित करते हैं।
भारत से खाड़ी के देशों में श्रमिकों के प्रवासन का इतिहास पुराना रहा है। प्रवासन विभिन्न कालों में विभिन्न रूपों में केरल, आंध्र-प्रदेश, तमिलनाडू, बिहार, उत्तर-प्रदेश, महाराष्ट्र से होता रहा है। लगभग एक दशक से प्रवासन की दशा एवं दिशा में परिवर्तन हुआ है। कुछ वर्षों पूर्व केरल प्रवासन की घटानाओं में भारत के अन्य राज्यों की अपेक्षा प्रथम स्थान पर था किंतु कुछ वर्षों से उत्तर-प्रदेश से प्रवासन प्रथम स्थान पर हो रहा है। उत्तर-प्रदेश से अधिकतम प्रवासी खाड़ी के देशों में प्रवासित हुए हैं। उत्तर-प्रदेश के पूर्वोतर के जिले प्रवासन में अधिक भूमिका निभा रहे हैं। आजमगढ़, गाजीपुर, बलिया, जौनपुर, वाराणसी इन जिलों से खाड़ी के देशों में श्रमिकों का प्रवासन भारी संख्या में हो रहा है। इन श्रमिकों में अधिकतम संख्या अर्ध कुशल (Semi-Skilled) श्रमिकों की है, तत्पश्चात अकुशल (Un-Skilled) श्रमिक और कुशल (Skilled) श्रमिक हैं।
यह शोध पत्र प्राथमिक स्रोत (Primary Data) पर आधारित है। तथ्यों (Data) को प्राप्त करने के किए व्यक्तिगत अध्ययन पद्धति (Case Study Method), समूह साक्षात्कार (Group Interview), व्यक्तिगत साक्षात्कार (Individual Interview), असंरचित अनुसूची (Un Structure Schedule) एवं अवलोकन (Observation) प्रविधि का प्रयोग किया गया है। उत्तर-प्रदेश राज्य के आजमगढ़ जिले के जमुआ हरीराम गांव का क्षेत्र कार्य (Field Work) किया गया है। इस शोध-पत्र का उद्देश्य प्रवासन की वर्तमान प्रवित्ति (Trend), नेटवर्क (Network), सहयोगी संस्थाओं (Agency’s) की भूमिका एवं प्रवासियों के अनुभवों को जानने का प्रयास किया गया है।
Conference
International Conference on "Global Migration: Rethinking Skills, Knowledge and Culture"