HIndi- Comparative Study of Indian and Diaspora writings by Modern Writers
Author Name
Pratishtha Mishra
Author Address
Lucknow Univeristy
Keywords
Diaspora Literature, Socio-Economic Structure, Indian Diaspora, Comparative Literature
Abstract
आज प्रवासी साहित्य हिन्दी साहित्य का एक अभिन्न रुप बनकर पाठकों के सामने आ रहा है। आज हिन्दी साहित्य न केवल हिन्दी-भाषी क्षेत्र तक सीमित है बल्कि आज यह वैश्विक स्तर पर अपने अस्तित्व को स्थापित करने मे सफल हुआ है और इसका श्रेय उन प्रवासी लेखकों एवं लेखिकाओं को जाता है जिन्होंने अपनी सृजनात्मकता से भारतीय जीवन शैली, उसकी संस्कृति, उसके धर्म एवं परम्पराओं से स्वयं को जोड़ते हुए साहित्य की सर्जना की। मॉरिशस, फिजी, सूरीनाम, त्रिनिडाड, अमेरिका, इंग्लैंड, नार्वे, डेनमार्क, ऑस्ट्रेलिया आदि अनेक देश है जहाँ अनेक भारतीय लेखक एवं लेखिकायें निरन्तर हिन्दी साहित्य को वैश्विक स्तर पर एक नया रुप एवं एक महत्वपूर्ण स्थान देने के लिये प्रयत्नरत हैं।
अतः यहाँ मैं कुछ लेखिकाओं के उपन्यासों के विषय में बताना चाहती हूँ। जिन्होंने भारतीय जीवन पर आधारित उपन्यासों की रचना की है। इनमें एक वर्ग उन लेखिकाओं का है जो भारत में रहकर हिन्दी भाषा में अपने उपन्यासों की रचना कर रही है और दूसरा वर्ग उन लेखिकाओं का है जो विदेशों में रहकर भारतीय जीवन पर अंग्रेजी भाषा में लिख रही हैं।
समस्यायें चाहे दलितों एवं किसानों के शोषण से जुड़ी हो या पाश्चात्य संस्कृति के बढ़ते मोह की, युवाओं की बढ़ती बेरोजगारी की हो या नक्सलवाद की सभी समस्याओं पर इन लेखिकाओं की लेखनी बेहद सधी हुई चलती दिखाई देती है। इसके साथ ही पारिवारिक दायित्वों का बोध, सामाजिक समस्याएँ, भ्रष्टाचार, राजनीतिक दाँव-पेच, वैवाहिक सम्बन्धों, पौराणिक कथानकों में दर्शायी गयी स्त्री दशा को आधुनिक ढंग से परिभाषित करना, प्रेस, अखबार व मीडिया आदि से जुड़ी समस्याओं, पुत्र-पुत्री में भेद-भाव एवं बाल यौन हिंसा की समस्या आदि विषयों पर तुलनात्मक रुप से दोनों वर्गो की महिला उपन्यासकारों ने अत्यन्त संवेदनशील साहित्य का सृजन किया है। जिसमें भारत में रहकर लिखनेवाली लेखिकाओं में मन्नू भण्डारी, चन्द्रकान्ता, निरुपमा सोबती, मधु काँकरिया, गीतांजलि श्री, मैत्रेयी पुष्पा, प्रभा खेतान आदि हैं तथा प्रवासी लेखिकाओं में झुम्पा लाहिड़ी, लावण्या शंकरन्, किरन देसाई, राधिका झा तथा अनीता देसाई आदि है।
Conference
International Conference on "Global Migration: Rethinking Skills, Knowledge and Culture"